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MSMG-FOUNDATION

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MSMG

  परिचय (Introduction) : एमएसएमजी फाउंडेशन कौशल विकास के लिए समर्पित एक गतिशील संगठन है, जो एक प्रसिद्ध पैरामेडिकल संस्थान का संचालन करता है। कौशल भारत मिशन के साथ पंजीकृत, और एनएसडीसी, एचएसएससी, नीति आयोग और अन्य के लिए प्रशिक्षण प्रदाता के रूप में सेवा प्रदान करता है, सक्रिय रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में परोपकारी प्रयासों में लगा हुआ है |

(More Skill More Growth)”ज्यादा कौशल, ज्यादा विकास” एक संस्था है जो दर्शाता है कि किसी व्यक्ति या समाज में जितनी अधिक क्षमता होती है, उतना ही अधिक उसका विकास होता है। इसका अर्थ है कि यदि आप अपनी क्षमताओं को और अधिक विकसित करते हैं, तो आपकी प्रगति भी उतनी ही तेजी से होती है।

इस विचार को अमल में लाने का मतलब है कि व्यक्ति को हमेशा नए ज्ञान और क्षमताओं की ओर बढ़ना चाहिए। जब आप अपनी क्षमताओं को विकसित करते हैं, तो आप अपने करियर में उच्चताओं को चुनने के लिए अधिक तैयार होते हैं। यह भी दर्शाता है कि जीवन भर सीखने की प्रक्रिया कभी समाप्त नहीं होती और हर समय नए ज्ञान और कौशलों की प्राप्ति की जा सकती है।

इस विचार को अपनाने से व्यक्ति अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सक्षम होता है, जिससे उसका विकास और प्रगति में तेजी होती है।

इनमें विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जो लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकसित करने में मदद कर सकते हैं , जैसे :- 

  • Healthcare Skill Sector :  “स्वास्थ्य सेक्टर कौशल “, यह एक संगठन है जो स्वास्थ्य सेक्टर में कौशल विकास के क्षेत्र में काम करता है। इस परिषद का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कौशल विकास को प्रोत्साहित करना है, ताकि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की विशेषज्ञता और क्षमताएं बढ़ें और उनकी क्षमता बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए बढ़े।
  • IT Sector :   “सूचना प्रौद्योगिकी सेक्टर”, यह वह क्षेत्र है जो सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) से संबंधित कार्य करता है। IT सेक्टर में संगठित रूप से कंप्यूटर, सॉफ़्टवेयर, हार्डवेयर, नेटवर्किंग, वेब डिज़ाइन और विकास, डेटाबेस प्रबंधन, साइबर सुरक्षा, आदि जैसी तकनीकी क्षमताओं के विकास, उपयोग, और निर्माण से संबंधित काम किया जाता है।
  • Beauty & Wellness Sector :   “सौंदर्य और स्वास्थ्य सेक्टर” का अर्थ होता है , यह वह क्षेत्र है जो व्यक्तियों की सौंदर्य और स्वास्थ्य की देखभाल से संबंधित कार्य करता है। इसमें त्वचा और बाल की देखभाल, स्पा, मेकअप, हेयरस्टाइलिंग, नेल आर्ट, मासाज, ध्यान और सामर्थ्यवर्धन के साथ-साथ आहार और व्यायाम के माध्यम से स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण पर भी ध्यान दिया जाता है।
  • Agriculture Sector :   “कृषि क्षेत्र”,  यह वह क्षेत्र है जो कृषि और संबंधित कामों से संबंधित है, जैसे कि खेती, पशुपालन, मछलीपालन, वनस्पति उत्पादन, पशु चिकित्सा, खाद्य प्रसंस्करण, आदि। यह एक महत्वपूर्ण सेक्टर है जो खाद्य सुरक्षा, आजीविका, और अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • Apparel Sector :  “वस्त्रों का क्षेत्र” , यह उद्योग है जो वस्त्रों और टेक्सटाइल उत्पादों के निर्माण, विपणन, और वितरण से संबंधित है। इसमें वस्त्रों, कपड़े, फैशन उत्पादों, वस्त्र डिज़ाइनिंग, सैनिटरी उत्पादों, वस्त्र संबंधित उपकरणों का उत्पादन, आदि शामिल है। यह एक महत्वपूर्ण उद्योग है जो अर्थव्यवस्था में रोजगार उत्पन्न करता है और विश्वव्यापी बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • Management & Entrepreneurship and Professional Sector :  “प्रबंधन और उद्यमिता और पेशेवर क्षेत्र”,  इस सेक्टर में व्यवसाय और प्रबंधन से संबंधित कामों के साथ-साथ पेशेवर सेवाओं को शामिल किया जाता है। यह उद्योग विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के लिए नौकरी के अवसर प्रदान करता है और उन्हें अधिक उत्पादक और संगठित बनाने में मदद करता है। इसमें बाजार अनुसंधान, वित्तीय प्रबंधन, मानव संसाधन प्रबंधन, विपणन, वित्तीय सेवाएं, और उद्यमिता संबंधित काम शामिल हो सकते हैं।
  • BFSI Sector :  “बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा क्षेत्र”। इस सेक्टर में वित्तीय संस्थान जैसे कि बैंक, वित्तीय सेवा प्रदाता, बीमा कंपनियाँ, निवेश कंपनियाँ, पेंशन निधियाँ, आदि शामिल होते हैं। यह उद्योग धन और वित्त सेवाओं के प्रदान के माध्यम से व्यापारिक और व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करता है।

इसके अलावा, संस्थाओं में विभिन्न  पाठ्यक्रम भी आयोजित किए गए  हैं ,जो उनके कार्य क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करने में मदद करते हैं।

हमारा मिशन उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिससे व्यक्तियों को आवश्यक कौशल प्राप्त हो जो रोजगार की बढ़ावा देने में सहायक हों, और उनके समाजिक-आर्थिक विकास के लिए योगदान करें, उन लोगों की जिन्हें सबसे ज्यादा आवश्यकता हो।

और हमारा Vision है ,  कौशल विकास के माध्यम से व्यक्तियों को सशक्त बनाना, जीवनों को परिवर्तित करना, और एक उज्ज्वल भविष्य के लिए कौशलिक कार्यबल बनाना।

इस संस्था को Govt. of India Ministry of Corporate Affairs
Ministry of Micro, Small & Medium Enterprises (MSME)
Skill India
NSDC ( National Skill Development Corporation)
Start Up India
National Ayush Mission
Niti Ayog
HSSC (Healthcare Sector Skill Council) etc. से Affiliations हैं | 

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Medical Courses

CMS & ED

समुदाय मेडिकल सेवा: एक आवश्यकता

(Community  Medical  Service ) ,स्वास्थ्य मानव की प्रमुख धरोहर होती है। खासकर, वे जो विकलांग, गरीब और निराधार व्यक्तियां हैं, उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता होती है। समुदाय मेडिकल सेवाएं उन्हें उस परिस्थिति से निकालने में मदद कर सकती हैं जिससे उन्हें गुजारा करना पड़ता है।

आवश्यक दवाएं: एक मौलिक जरूरत

(Essential Drugs ) ,अधिकांश समय यह देखा जाता है कि गरीब और सामाजिक रूप से पिछड़े लोग आवश्यक दवाओं तक पहुंच में कठिनाई का सामना करते हैं। ऐसे में, समुदाय में आवश्यक दवाओं की सुविधा बहुत महत्वपूर्ण है।

समुदाय मेडिकल सेवा और आवश्यक दवाओं कोर्स एक पेशेवर प्रशिक्षण कार्यक्रम होता है जो व्यक्तियों को सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं और आवश्यक दवाओं के क्षेत्र में निपुणता प्रदान करता है। इस कोर्स के माध्यम से लोगों को समुदाय में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच, आवश्यक दवाओं का उपयोग, स्वास्थ्य जागरूकता, और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन में ज्ञान प्राप्त होता है।

  • सामुदायिक स्वास्थ्य प्रणाली की समझ: सामुदायिक स्वास्थ्य प्रणाली के बारे में जानकारी, जैसे कि समुदाय में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाएं और उनका प्रबंधन।

  • बुनियादी चिकित्सा सेवाएं: मुख्य बुनियादी चिकित्सा सेवाएं जैसे कि प्राथमिक देखभाल, प्राथमिक चिकित्सा, मातृत्व सेवाएं, बाल स्वास्थ्य चिकित्सा, आदि का परिचय।

  • आवश्यक दवाओं का प्रबंधन: आवश्यक दवाओं की पहचान, उपयोग, और प्रबंधन के तरीके।

  • स्वास्थ्य जागरूकता और शिक्षा: स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी और जागरूकता का वितरण कैसे किया जाए, तकनीकी और गैर-तकनीकी तरीकों का प्रयोग।

  • रोग प्रतिकार कार्यक्रम: रोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, नियमित जांच और टीकाकरण कार्यक्रम की संचालन।

  • स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन: समुदाय में स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंधन कैसे किया जाता है, सामुदायिक स्वास्थ्य संगठनों के साथ कैसे काम किया जाता है।

भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा समुदाय मेडिकल सेवा और आवश्यक दवाओं को मान्यता प्रदान की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रसार और समुदाय के लोगों के स्वास्थ्य को सुधारना है। भारत सरकार विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जनता को बुनियादी चिकित्सा सेवाएं, आवश्यक दवाएं, वैक्सीनेशन, मातृत्व सेवाएं, बाल स्वास्थ्य चिकित्सा, और अन्य संबंधित सेवाओं तक पहुंच प्रदान करती है। इसके अलावा, सरकार ने भारत के गरीब, निराधार और पिछड़े वर्गों के लिए आवश्यक दवाओं की वितरण भी कई योजनाओं के तहत किया है। इस प्रकार, Community Medical Service और Essential Drugs भारत सरकार द्वारा प्राप्त मान्यता के अधीन हैं और समाज के लोगों के लिए उपलब्ध हैं।

  1. समुदाय में सेवाओं की पहुंच में सुधार: इस कोर्स का प्राप्त होना आपको समुदाय में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में सुधार करने में मदद करता है।

  2. आवश्यक दवाओं की सही पहचान: आप इस कोर्स के माध्यम से आवश्यक दवाओं की सही पहचान करने के लिए प्रशिक्षित होते हैं, जिससे समुदाय के लोगों को सही उपचार प्रदान किया जा सकता है।

  3. स्वास्थ्य जागरूकता का प्रसार: आप समुदाय के लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी प्रदान करके स्वास्थ्य जागरूकता का प्रसार करते हैं।

  4. स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन में निपुणता: आपको स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन में निपुणता प्राप्त होती है, जिससे आप समुदाय में स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से प्रबंधित कर सकते हैं।

  5. रोग प्रतिकार कार्यक्रमों की संचालन: आप रोग प्रतिकार कार्यक्रमों की संचालन में भाग लेकर समुदाय में रोगों के प्रति जागरूकता बढ़ा सकते हैं।

  6. सामुदायिक समर्थन: इस कोर्स के प्राप्त होने से आप समुदाय के साथ सामंजस्य बढ़ाते हैं और उनका समर्थन करते हैं, जिससे समुदाय के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद मिलती है।

इस प्रकार, समुदाय मेडिकल सेवा और आवश्यक दवाओं कोर्स करने से आप समुदाय के स्वास्थ्य और कल्याण में सहायता कर सकते हैं, और अपने क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।

 

 

Community Medical Service (CMS) और Essential Drugs (ED) कोर्स करने के बाद, आप डॉक्टर नहीं कहलाएंगे। यह कोर्स डॉक्टर बनाने के लिए पूरी तरह से पर्याप्त नहीं होता है। यह एक पेशेवर प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो समुदाय में स्वास्थ्य सेवाओं और आवश्यक दवाओं के क्षेत्र में निपुणता प्रदान करता है, CMS & ED एक डिप्लोमा कोर्स है | इस कोर्स को करने के बाद आप प्राथमिक उपचार करने का काम कर सकते हैं | माननीय सुप्रीम कोर्ट के अनुसार आप एक हेल्थ वर्कर के तौर पर काम कर सकते हैं | नाम के आगे डॉक्टर लगाने का अधिकार केवल उनको है जो MBBS , BDS , BHMS , BAMS , BUMS आदि डिग्री प्राप्त कर चुके हैं |

यह कोर्स कने के बाद आप प्राथमिक उपचार केंद्र खोल सकते है किन्तु मेडिकल स्टोर नहीं खोल सकते हैं | यद्यपि आप 206 प्रकार के मेडिसिन कम्पोजीशन को रख सकते हैं और उन मेडिसिन को लिख भी सकते हैं | आपको मेडिकल स्टोर खोलने के लिए उचित शैक्षिक योग्यता, अनुभव और आवश्यक प्राधिकरणों की अनुमति की आवश्यकता होती है। आपको भी आवश्यक अनुमतियाँ, लाइसेंसेस और अन्य प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा जो आपके क्षेत्र में आवश्यक होते हैं।

जी, हा निश्चित रूप से मान्य है |
कोरोना काल मे कई राज्यों में इन्हें स्थाई व अस्थाई रूप से सरकारी तैनाती भी मिली है।
साथ ही माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में इनके पक्ष में यह मत्वपूर्ण निर्णय भी दिया है
तथा जारी सी एम एस & ईडी (CMS & ED Course, Duration, Eligibility) का प्रमाण पत्र पर इसका पूर्ण उल्लेख भी होता है।

  • CMS (Community Medical Service): CMS कोर्स एक समुदाय मेडिकल सेवा को बेहतर बनाने और प्रबंधित करने के लिए  है,  इसमें समुदाय में स्वास्थ्य सेवाओं को प्रबंधित करने और संचालित करने के लिए आवश्यक कौशलों का अध्ययन होता है।

  • ED (Essential Drugs):  महत्वपूर्ण दवाओं के विवरण, उपयोग, और प्रबंधन का अध्ययन किया जाता है,  ताकि छात्र अहम दवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करें और समुदाय में उनके उपयोग को सुनिश्चित करने में मदद करें।

  • D. Pharmacy (Diploma in Pharmacy): D. Pharmacy कोर्स एक डिप्लोमा पाठ्यक्रम होता है जो उम्मीदवारों को दवाइयों के विनिर्माण, उपयोग, और वितरण के क्षेत्र में प्रशिक्षित करता है। यह कोर्स आमतौर पर फार्मेसी उत्पादन या रोजगार के लिए आवश्यक माना जाता है।

Portrait of smiling doctor looking at camera on background of his working colleagues

Nursing

 नर्सिंग कोर्स एक चिकित्सा पेशेवर पढाई है  जिसमें छात्र रोगी की देखभाल और चिकित्सा में सहायक भूमिका निभाते हैं | नर्सिंग , एक क्षेत्र है जो सेवा , संबंध  और विशेषज्ञता को एक साथ मिलाकर स्वास्थ्य समाज में नए मानकों की ओर बढ़ाने का सामर्थ्य रखता है| यहाँ कुछ कारगर कारण हैं जो आपको नर्सिंग की दिशा  में अपना करियर बनाने के लिए प्रेरित करेंगे | 

नर्सिंग क्षेत्र में काम करने के लिए आपको उच्च स्तर की संवेदनशीलता , समर्पण और  काम कौशल की आवश्यकता होती है | यहाँ , तत्पर और सकारात्मक सोच , रोगी के साथ संबंध बनाए रखने , और तकनीकी ज्ञान जैसे कौशल शामिल हैं जो आपको एक उत्कृष्ट नर्स बनने के लिए आवश्यक हैं |

  • रोगियों की सेवा: यह कोर्स आपको रोगियों की सेवा करने के लिए तैयार करता है।

  • मेडिकल जगत में कैरियर: नर्सिंग कोर्स के पूरा करने के बाद, आपके पास चिकित्सा क्षेत्र में विभिन्न कैरियर विकल्प होते हैं।

  • स्वास्थ्य सेवा प्रणाली: आपको स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के कामकाज की समझ होती है और आप रोगियों की देखभाल करने की क्षमता प्राप्त करते हैं।

  • रोगी की निगरानी: आप रोगी की निगरानी करने, चिकित्सा रिकॉर्ड्स को अपडेट करने और उनके परिणामों को ट्रैक करने की क्षमता विकसित करते हैं।

  • स्वास्थ्य शिक्षा: आप स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा प्रदान कर सकते हैं और लोगों को स्वस्थ जीवन शैली के बारे में जागरूक कर सकते हैं।

  • आपातकालीन सेवा: आप आपातकालीन स्थितियों में मरीजों की आपातकालीन देखभाल कर सकते हैं और चिकित्सा ट्रीटमेंट प्रदान कर सकते हैं।

  • गांवों में सेवा: आप गांवों और दूरवासी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बढ़ावा दे सकते हैं।

  • नर्सिंग अनुसंधान: आप नर्सिंग अनुसंधान में शामिल हो सकते हैं और नई तकनीकों और उपचारों का अध्ययन कर सकते हैं।

  • रोगी का सहयोग: आप रोगी के साथ संवाद करते हैं और उन्हें उनके चिकित्सा उपचार के बारे में समझाते हैं।

  • Interview: यह आपको नर्सिंग क्षेत्र में नौकरी प्राप्ति के लिए interview कराता है और आपकी प्रतिभाओं को प्रस्तुत करने में मदद करता है।

नर्सिंग में काम करने से आप समाज की सेवा में योगदान करते हैं, स्वास्थ्य सेवा में उच्चतम गुणवत्ता की ओर कदम बढ़ाते हैं, और अपने रोगियों के लिए अद्वितीय साथी बनते हैं। इसके अलावा, यह आपको सतत सीखने और विकसित होने का अवसर देता है।

नर्सिंग कोर्स से छात्रों को बहुत सारे लाभ मिलते हैं। इनमें से कुछ मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:

  • एक समाजसेवी और उत्तम करियर का अवसर
  • सेवा भावना और दया का विकास
  • रोजगार के अवसरों का विस्तार

 

  1. डिप्लोमा इन नर्सिंग (Diploma in Nursing): इस कोर्स के लिए सामान्यत: 10+2 पास होना आवश्यक होता है। कुछ इंस्टीट्यूट्स में विशेष एंट्रेंस टेस्ट भी होता है।

  2. बैचलर ऑफ नर्सिंग (Bachelor of Nursing): इस कोर्स के लिए सामान्यत: 10+2 पास होने के साथ-साथ विज्ञान स्ट्रीम में अच्छे अंक होने चाहिए। यह डिग्री आमतौर पर चार साल की होती है।

  3. मास्टर ऑफ नर्सिंग (Master of Nursing): इस कोर्स के लिए बैचलर ऑफ नर्सिंग (B.Sc. Nursing) या समकक्ष डिग्री की आवश्यकता होती है। यह डिग्री विशेषज्ञता में उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान करती है और आमतौर पर दो साल की होती है।

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Dental

डेंटल कोर्स एक शैक्षणिक पाठ्यक्रम है जो डेंटल सर्जरी और Dentist के क्षेत्र में शिक्षा प्रदान करता है। इस कोर्स के माध्यम से छात्रों को डेंटल सेवाओं में विशेषज्ञता प्राप्त करने का अवसर मिलता है। यह उन्हें दंत की समस्याओं का समाधान करने के लिए तकनीकी ज्ञान, कौशल, और अनुभव प्रदान करता है।

 
 

Dental कोर्स करने के बाद, आपके पास कई कैरियर विकल्प होते हैं , जैसे :-

  1. डेंटल क्लिनिक: आप एक स्वयंसेवी डेंटल क्लिनिक खोल सकते हैं या अन्य क्लिनिक्स में नौकरी पा सकते हैं। यहाँ आप दाँतों के इलाज, समस्याओं का निदान, और उपचार कार्य कर सकते हैं।

  2. अस्पताल: डेंटल सर्जन के रूप में आप अस्पतालों में नौकरी कर सकते हैं, जहां आप चिकित्सा सहायता और सेवाएं प्रदान कर सकते हैं।

  3. शिक्षा: आप डेंटल कॉलेजों या संस्थानों में डेंटल शिक्षक के रूप में काम कर सकते हैं और अगली पीढ़ी को प्रशिक्षित कर सकते हैं।

Dental कोर्स के दौरान प्रैक्टिकल अनुभव छात्रों के लिए अत्यंत आवश्यक हैं , जैसे :-

  • व्यावसायिक अभ्यास: प्रैक्टिकल अनुभव से छात्रों को व्यावसायिक अभ्यास का मौका मिलता है। वे वास्तविक रूप से दाँतों के इलाज करते हैं और मरीजों की देखभाल करते हैं, जिससे उनका व्यावसायिक अनुभव बढ़ता है।

  • आत्मविश्वास की वृद्धि: प्रैक्टिकल अनुभव से छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ता है, जो उन्हें अपने क्षेत्र में स्वाधीनता और आत्मनिर्भरता प्राप्त करता है।

  • तकनीकी कौशल विकसित करना: प्रैक्टिकल अनुभव से छात्रों को अपने डेंटल तकनीकी कौशलों को अभिवृद्धि करने का मौका मिलता है। वे वास्तविक चिकित्सा प्रयोग के माध्यम से तकनीकों को सीखते हैं।

  • समस्याओं का हल खोजना: प्रैक्टिकल अनुभव से छात्रों को रियल लाइफ में आने वाली समस्याओं का समाधान करने का मौका मिलता है। यह उन्हें अनुभव और समस्याओं का अभ्यास करने का अवसर प्रदान करता है।

  • नौकरी के लिए तैयारी: प्रैक्टिकल अनुभव छात्रों को नौकरी के लिए तैयार करता है, क्योंकि वे अपने अनुभव को वास्तविक वर्किंग एनवायरमेंट में लागू कर सकते हैं और काम करने की क्षमता विकसित करते हैं।

डेंटल कोर्स के फायदे:

  • व्यावसायिक मान्यता: डेंटल कोर्स पूरा करने के बाद, आप डेंटल सर्जन के रूप में व्यावसायिक मान्यता प्राप्त कर सकते हैं और डेंटल प्रैक्टिस की शुरुआत कर सकते हैं।

  • सामाजिक सेवा: डेंटल क्षेत्र में करियर बनाने से आप सामाजिक सेवा करने का मौका प्राप्त करते हैं, क्योंकि आप मरीजों की सेवा करते हैं और उन्हें स्वस्थ्य और साफ दाँतों के साथ एक स्वस्थ्य जीवन प्रदान करते हैं।

  • वित्तीय स्थिरता: डेंटल क्षेत्र में करियर बनाने से आप आर्थिक रूप से स्थिर हो सकते हैं, क्योंकि डेंटल सेवाओं की मांग हमेशा होती रहती है।

  • नौकरी के अवसर: डेंटल क्षेत्र में करियर बनाने से आपके पास विभिन्न नौकरी के अवसर होते हैं, जैसे कि डेंटल सर्जन, डेंटल हाइजीनिस्ट, डेंटल तकनीशियन, डेंटल असिस्टेंट, डेंटल एडमिनिस्ट्रेटर, आदि।

डेंटल क्षेत्र में करियर बनाने के लिए:-

  • प्रैक्टिकल अनुभव: कोर्स के दौरान, व्यावसायिक अनुभव प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। अधिकांश कॉलेजों और डेंटल स्कूलों में क्लिनिकल रोटेशन्स के दौरान छात्रों को वास्तविक चिकित्सा प्रैक्टिस का मौका मिलता है।

  • स्पेशलाइजेशन का चयन करें: डेंटल क्षेत्र में विभिन्न स्पेशलाइजेशन होती हैं, जैसे कि डेंटल सर्जन, डेंटल हाइजीनिस्ट, डेंटल तकनीशियन, और डेंटल असिस्टेंट। एक या अधिक क्षेत्रों में स्पेशलाइजेशन करने का चयन करें और उसमें माहिर हों।

  • नेटवर्किंग और प्रमोशन: अपने कौशलों को प्रमोट करने और अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए नेटवर्किंग करें। डेंटल समुदाय के साथ जुड़ें, पेशेवर संगठनों में सक्रिय रहें, और अपने प्रदर्शन को सबसे अच्छा करें।

  • अग्रसर रहें: डेंटल क्षेत्र में नए तकनीकों और उपकरणों के साथ अद्यतन रहें। स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा कार्यक्रमों और सेमिनारों में भाग लें, और अपने ज्ञान को लगातार बढ़ाएं।

 

इस कोर्स को करने के लिए सामान्यत: 10+2 पास होन आवशयक है 

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Physiotherapy

फिजियोथेरेपी एक प्रकार का शारीरिक चिकित्सा कला है जिसमें विभिन्न शारीरिक तकनीकों, व्यायामों, मसाज, और अन्य उपकरणों का उपयोग करके विभिन्न शारीरिक समस्याओं का उपचार किया जाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य रोगी को उनकी स्वास्थ्य स्थिति को सुधारने में सहायता करना है, उनकी चिकित्सा उपचार की अवधि को कम करना है, और उन्हें उनकी पूर्व-रोग स्थिति से उत्तम स्थिति में लाने में मदद करना है।

फिजियोथेरेपी का महत्व विभिन्न होता है, और यह विभिन्न तरीकों में मानव स्वास्थ्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कई प्रकार की समस्याओं के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जैसे कि:

  • चिकित्सा सहायता: फिजियोथेरेपी रोगी को चिकित्सा सहायता प्रदान करता है और उन्हें उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार करने के लिए विभिन्न चिकित्सा उपायों का उपयोग करता है।

  • रोगों का उपचार: यह विभिन्न शारीरिक समस्याओं, जैसे कि घाव, स्थायी दर्द, अकाड़न, मांसपेशियों की कमजोरी, अर्थराइटिस, और स्थूलता जैसी समस्याओं के इलाज में मदद करता है।

  • शारीरिक संतुलन और गतिविधि का सुधार: फिजियोथेरेपी रोगी के शारीरिक संतुलन, गतिविधि, और शारीरिक क्षमता को सुधारने में मदद करता है।

  • चिकित्सा उपकरण का उपयोग: यह विभिन्न चिकित्सा उपकरणों का उपयोग करके विभिन्न समस्याओं के इलाज में सहायता प्रदान करता है, जैसे कि इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशन, योगा, और मसाज।

इस प्रकार, फिजियोथेरेपी शारीरिक समस्याओं के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और लोगों को स्वस्थ और सक्रिय जीवन जीने में मदद करता है।

 
 

फिजियोथेरेपी का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति को सुधारना होता है। इसका काम शारीरिक दुर्बलता, चोट, बीमारी, या शारीरिक कमजोरी के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं का इलाज करना होता है। फिजियोथेरेपी शारीरिक क्रियाओं, व्यायाम, और अन्य शारीरिक तकनीकों का उपयोग करके मरीजों को उनकी स्वास्थ्य स्थिति को सुधारने में मदद करता है।

फिजियोथेरेपी कार्यक्रम एक व्यक्तिगत प्रक्रिया होती है, जो व्यक्ति की विशेष स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर तैयार की जाती है। इसमें फिजियोथेरेपिस्ट एक व्यक्ति की स्वास्थ्य समस्या को विश्लेषण करते हैं, उनके लिए उपचार योजना तैयार करते हैं, और फिर विभिन्न तकनीकों और व्यायामों का उपयोग करके इसे कार्रवाई में लाते हैं।

फिजियोथेरेपी के कुछ मुख्य उद्देश्य  हैं:

  • दर्द को कम करना: यह शारीरिक चिकित्सा तकनीक दर्द को कम करने में मदद कर सकती है, चाहे वह किसी चोट, घाव, या अर्थराइटिस के कारण हो।

  • शारीरिक संतुलन को सुधारना: फिजियोथेरेपी व्यक्ति के शारीरिक संतुलन को सुधारने में मदद कर सकती है, जिससे उनकी मुख्य चिकित्सा समस्या से जुड़ी समस्याएं कम हो सकती हैं।

  • मोबिलिटी और एक्टिविटी को बढ़ाना: फिजियोथेरेपी व्यक्ति की गतिविधि, मोबिलिटी, और स्वाभाविक शारीरिक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकती है।

  • चिकित्सा कार्रवाई की अवधि को कम करना: फिजियोथेरेपी के उपयोग से, रोगी को चिकित्सा कार्रवाई की अवधि को कम किया जा सकता है, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति में जल्दी सुधार हो सकता है।

इस प्रकार, फिजियोथेरेपी का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति को सुधारना होता है, और यह विभिन्न तकनीकों और व्यायामों का उपयोग करके शारीरिक समस्याओं का इलाज करता है।

फिजियोथेरेपी में सफल बनने के लिए निम्नलिखित शैक्षिक योग्यता और प्रशिक्षण आवश्यक होते हैं:

  1. फिजियोथेरेपी की डिग्री: फिजियोथेरेपी में कैरियर बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि आपके पास फिजियोथेरेपी की डिग्री हो। आपको फिजियोथेरेपी की बैचलर्स डिग्री (BPT) या मास्टर्स डिग्री (MPT) प्राप्त करनी होगी।

  2. शैक्षिक योग्यता: फिजियोथेरेपी की डिग्री के लिए प्रवेश के लिए आपको 12वीं कक्षा या उसके समकक्ष की पास करनी होगी, जिसमें विज्ञान (बायोलॉजी, फिजिक्स, केमिस्ट्री) के विषयों में कम से कम 50% अंक होने चाहिए।

  3. प्रशिक्षण: फिजियोथेरेपी के फील्ड में प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। आपको कॉलेजों और अस्पतालों में प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए। इसके अलावा, आपको व्यायामों, तकनीकों, और उपकरणों का भी अच्छा ज्ञान होना चाहिए।

  4. प्रोफेशनल लाइसेंस: कुछ देशों में, फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में काम करने के लिए प्रोफेशनल लाइसेंस की आवश्यकता होती है। इसलिए, आपको अपने क्षेत्र के प्राधिकरणों या संस्थाओं से लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन करना हो सकता है।

  5. अनुभव: फिजियोथेरेपी में सफलता प्राप्त करने के लिए, अनुभव भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। अनुभवी फिजियोथेरेपिस्ट्स रोगियों के साथ बेहतर संवाद और उपचार कर सकते हैं।

फिजियोथेरेपी के कई लाभ और उपयोग होते हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  • दर्द का उपचार: फिजियोथेरेपी दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। यह शारीरिक चिकित्सा तकनीक चोट, घाव, अर्थराइटिस, स्थायी दर्द, और अन्य संबंधित समस्याओं के उपचार में इस्तेमाल की जाती है।

  • स्थायी रोगों का उपचार: फिजियोथेरेपी विभिन्न स्थायी रोगों, जैसे कि अर्थराइटिस, पार्किंसन रोग, शरीर की कमजोरी, स्ट्रोक, और न्यूरोमस्कुलर समस्याओं के उपचार में अहम भूमिका निभाती है।

  • स्वास्थ्य संतुलन की सुधार: फिजियोथेरेपी व्यक्ति के शारीरिक संतुलन, गतिविधि, और शारीरिक क्षमता को सुधारने में मदद कर सकती है।

  • बेहतर मांसपेशियों का विकास: यह विभिन्न व्यायामों और तकनीकों का उपयोग करके मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाने में मदद करती है।

  • चिकित्सा सहायता और स्वतंत्रता: फिजियोथेरेपी रोगी को चिकित्सा सहायता प्रदान करती है और उन्हें उनकी स्वास्थ्य स्थिति को सुधारने के लिए स्वतंत्रता प्रदान करती है।

  • चिकित्सा उपकरण का उपयोग: फिजियोथेरेपी विभिन्न चिकित्सा उपकरणों का उपयोग करके विभिन्न समस्याओं के इलाज में सहायता प्रदान करती है, जैसे कि इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशन, अल्ट्रासाउंड, और ताप चिकित्सा।

  • स्वास्थ्य उपचार की अवधि को कम करना: फिजियोथेरेपी का उपयोग करके, रोगी को चिकित्सा कार्रवाई की अवधि को कम किया जा सकता है, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति में जल्दी सुधार हो सकता है।

 

 
फिजियोथेरेपी का उपयोग शारीरिक समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है, लेकिन कुछ सावधानियां ध्यान में रखनी चाहिए:-
  • डॉक्टर की सलाह: किसी भी फिजियोथेरेपी कार्यक्रम को शुरू करने से पहले, व्यक्ति को अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। डॉक्टर व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति का विश्लेषण करेंगे और उपयुक्त उपचार की सिफारिश देंगे।

  • सही तकनीक का उपयोग: फिजियोथेरेपी के दौरान, सही तकनीक का उपयोग करना बहुत महत्वपूर्ण है। गलत तकनीक का उपयोग करने से चोट या अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

  • सीमित या सही अभ्यास: फिजियोथेरेपी के उपायों को अत्यधिक अभ्यास करने से बचें। अत्यधिक या गलत अभ्यास करने से अधिक चोट लग सकती है।

  • संवेदनशीलता: फिजियोथेरेपी के दौरान, व्यक्ति को अपने शरीर की संवेदनशीलता को ध्यान में रखना चाहिए। किसी भी अस्वाभाविक या अधिक दर्द की सूचना देना चाहिए, ताकि उपचारकर्ता उचित कदम उठा सकें।

  • स्थायीता: फिजियोथेरेपी के दौरान, स्थिर होना और बिना किसी सहायता के स्थायी होना महत्वपूर्ण है। जब भी अभ्यास किया जा रहा हो, उसमें सहायता की आवश्यकता हो, तो यह उचित होता है कि व्यक्ति एक स्थिर और सहारा वाला स्थान चुनें।

  • अवधारण का समय: अधिकांश फिजियोथेरेपी कार्यक्रमों का समय-सीमित होता है। उपायों का समय-सीमित होने पर सटीक रूप से उनका पालन करना चाहिए।

  • स्वस्थ आहार: स्वस्थ आहार अपनाना भी महत्वपूर्ण है। इससे शरीर की ऊर्जा का स्तर बना रहेगा और शारीरिक समस्याओं का सामना करने में मदद मिलेगी।

Physiotherapy-Spine

DMLT

DMLT यानी ‘डिप्लोमा इन मेडिकल लेब टेक्नोलॉजी’ एक प्रमुख चिकित्सा प्रशिक्षण कोर्स है जो चिकित्सा विज्ञान में लैबोरेटरी के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्रदान करता है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए उपलब्ध है जो चिकित्सा क्षेत्र में लैबोरेटरी तकनीशियन के रूप में करियर बनाना चाहते हैं।

DMLT कोर्स का महत्व इसलिए है क्योंकि यह छात्रों को चिकित्सा विज्ञान में लैब तकनीशियन के रूप में तैयार करता है जो अलग-अलग चिकित्सा परीक्षणों और विशेषज्ञ विचारों का समर्थन करता है। यह कोर्स छात्रों को लैबोरेटरी तकनीकों, परीक्षणों, और प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण प्रदान करता है जो रोगों का निदान करने और उनके इलाज की योजना बनाने में महत्वपूर्ण हैं।

इसके अलावा, DMLT कोर्स चिकित्सा उपयोगीकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जैसे कि रक्त दान, रक्त संचयन, और विभिन्न चिकित्सा परीक्षणों में सहायक होना। इस प्रकार, DMLT कोर्स स्वास्थ्य सेवा में अहम योगदान करता है और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में चिकित्सकों की जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है।

DMLT (डिप्लोमा इन मेडिकल लेब टेक्नोलॉजी) कोर्स का पाठ्यक्रम विभिन्न चिकित्सा लैबोरेटरी तकनीकों और प्रक्रियाओं पर आधारित होता है:-

  • आनुवंशिक विज्ञान (Genetics): आनुवंशिक विज्ञान के मौखिक और लिखित अध्ययन के माध्यम से छात्रों को आनुवंशिक अध्ययन के बेसिक प्रिंसिपल्स की समझ प्रदान की जाती है।

  • रोग और निदान (Pathology and Diagnosis): इस पाठ्यक्रम में रोगों की पहचान के लिए विभिन्न प्रकार के परीक्षण, उपयुक्त प्रोटोकॉल, और विशेषज्ञ परीक्षण की जानकारी दी जाती है।

  • सांख्यिकीय विश्लेषण (Clinical Biochemistry): छात्रों को विभिन्न बायोकेमिकल परीक्षणों के लिए सांख्यिकीय तकनीकों की समझ प्रदान की जाती है।

  • हेमैटोलॉजी (Hematology): यह पाठ्यक्रम रक्त सम्बंधित प्रक्रियाओं, रक्त गठन, और रक्त की विभिन्न रोगों की जांच के बारे में सिखाता है।

  • माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology): यह अध्ययन अलग-अलग प्रकार के माइक्रोब और उनके निदान की तकनीकों के बारे में होता है।

  • परिसंचरण विज्ञान (Immunology): इस पाठ्यक्रम में छात्रों को प्राथमिक संचरण विज्ञान के बारे में शिक्षा दी जाती है, जिसमें वे अन्य बायोलॉजिकल प्रोसेसेस और रोगों के खिलाफ प्रतिरक्षा सिस्टम के बारे में सीखते हैं।

  • लैब तकनीकियाँ (Lab Techniques): छात्रों को लैबोरेटरी काम के लिए विभिन्न तकनीकों की प्रशिक्षण दी जाती है, जैसे कि नमूने का संग्रह, प्रयोगशाला उपकरणों का उपयोग, और परीक्षणों की तकनीकें।

  • प्रयोगशाला स्वास्थ्य और सुरक्षा (Lab Health and Safety): यह साक्षात्कार के लिए आवश्यक प्रयोगशाला सुरक्षा और स्वास्थ्य नियमों की समझ प्रदान करता है।

DMLT कोर्स के पूरा करने के बाद, आपके पास कई कैरियर विकल्प होते हैं:-

  • मेडिकल लैब तकनीशियन: आप चिकित्सा लैबोरेटरी में तकनीशियन के रूप में काम कर सकते हैं, जहां आप विभिन्न प्रकार के परीक्षण कर सकते हैं और रोगों के निदान में सहायक हो सकते हैं।

  • क्लिनिकल रिसर्च असिस्टेंट: आप क्लिनिकल रिसर्च के क्षेत्र में असिस्टेंट के रूप में काम कर सकते हैं, जहां आपको विभिन्न चिकित्सा अध्ययनों और परीक्षणों में सहायता की आवश्यकता होती है।

  • ब्लड बैंक तकनीशियन: आप ब्लड बैंक में तकनीशियन के रूप में काम कर सकते हैं, जहां आप रक्त योजना करते हैं, रक्त संचयन करते हैं, और रक्त परीक्षण करते हैं।

  • फार्मा कंपनियों: आप फार्मा कंपनियों में चिकित्सा प्रतिनिधि या सांख्यिकीय तकनीशियन के रूप में भी काम कर सकते हैं।

  • शैक्षिक क्षेत्र: आप शैक्षिक क्षेत्र में जाकर डिप्लोमा प्रोग्राम्स और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शिक्षक के रूप में नियुक्त हो सकते हैं।

  • सरकारी नौकरियां: आप सरकारी चिकित्सा संस्थानों, राज्य सरकारी अस्पतालों, और सरकारी लैबोरेटरियों में नौकरियां प्राप्त कर सकते हैं।

DMLT (डिप्लोमा इन मेडिकल लेब टेक्नोलॉजी) कोर्स के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हैं:

  • प्रशिक्षण की अवधि: DMLT कोर्स आमतौर पर 1 से 2 वर्षों की अवधि का होता है। इसमें छात्रों को चिकित्सा लैबोरेटरी के कार्यों के लिए तैयार किया जाता है।

  • पाठ्यक्रम की संरचना: DMLT कोर्स का पाठ्यक्रम विभिन्न चिकित्सा विज्ञान संबंधित विषयों पर आधारित होता है, जैसे कि रोग निदान, रक्त और मूत्र परीक्षण, स्वस्थ्य विज्ञान, और अन्य।

  • लैबोरेटरी प्रशिक्षण: DMLT कोर्स के दौरान, छात्रों को विभिन्न प्रकार के चिकित्सा लैबोरेटरी कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाता है, जैसे कि रक्त और यूरीन परीक्षण, सांख्यिकीय विश्लेषण, और अन्य।

  • प्रैक्टिकल अनुभव: छात्रों को DMLT के दौरान वास्तविक लैबोरेटरी के प्रैक्टिकल काम का अनुभव प्राप्त होता है, जो उन्हें अधिक निपुण बनाता है।

  • क्यारियर संभावनाएं: DMLT कोर्स पूरा करने के बाद, छात्र चिकित्सा लैबोरेटरी में तकनीशियन, क्लिनिकल रिसर्च असिस्टेंट, ब्लड बैंक तकनीशियन, फार्मा कंपनियों में काम, और शैक्षिक क्षेत्र में शिक्षक बनने जैसे कई कैरियर विकल्पों में जा सकते हैं।

  • सरकारी नौकरियां: DMLT प्रमाण पत्र के धारक सरकारी नौकरियां के लिए भी पात्र हो सकते हैं, जैसे कि सरकारी अस्पतालों, चिकित्सा महाविद्यालयों, और स्वास्थ्य विभागों में तकनीशियन के रूप में।

यह कोर्स आपके लिए महत्वपूर्ण होगा , जैसे :- 

  • रोजगार के अवसर: DMLT कोर्स पूरा करने के बाद, आपके पास चिकित्सा लैबोरेटरी में तकनीशियन के रूप में रोजगार के अवसर होते हैं। यह एक अच्छा करियर विकल्प है जो आपको आर्थिक स्थिरता प्रदान कर सकता है।

  • चिकित्सा क्षेत्र में सेवा: DMLT कोर्स करके आप चिकित्सा क्षेत्र में सेवा करने का अवसर प्राप्त कर सकते हैं, जिससे आप समाज के साथ योगदान कर सकते हैं।

  • विशेषज्ञता प्राप्त करें: DMLT कोर्स आपको चिकित्सा लैबोरेटरी में विशेषज्ञता प्राप्त करने का अवसर देता है, जिससे आप रोगों के निदान और उपचार में मदद कर सकते हैं।

  • स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान: DMLT के जरिए आप स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान कर सकते हैं, जैसे कि रक्त दान कैंप्स, जाँच कैंप्स, और जनसंख्या के स्वास्थ्य कार्यक्रमों में।

  • प्रौद्योगिकी और नवाचार: चिकित्सा लैबोरेटरी में काम करने से आप नवीनतम चिकित्सा प्रौद्योगिकियों और नवाचारों के साथ काम करने का मौका प्राप्त करते हैं, जिससे आपकी नौकरी में रोमांच और चुनौतियों का अनुभव होता है।

इन सभी कारणों के अलावा, DMLT कोर्स आपको चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करता है और आपको व्यक्तिगत और पेशेवर स्तर पर विकसित करता है।

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EMT

EMT (Emergency Medical Technician) कोर्स एक प्रमाणित प्रशिक्षण प्रोग्राम है जो चिकित्सा आपातकालीन सेवाओं के क्षेत्र में काम करने के लिए तैयारी प्रदान करता है। यह कोर्स छात्रों को आपातकालीन स्थितियों में चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए उपयुक्त कौशल, ज्ञान, और उन्नत चिकित्सा तकनीकों की प्रशिक्षण देता है।

EMT कोर्स का महत्व निम्नलिखित कारणों से है:

  • आपातकालीन सेवाओं के लिए तैयारी: EMT कोर्स आपातकालीन स्थितियों में जल्दी से प्रतिक्रिया करने और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए छात्रों को तैयार करता है।

  • जीवन बचाने की क्षमता: EMT कोर्स छात्रों को आपातकालीन परिस्थितियों में रोगी को प्राथमिक चिकित्सा सहायता प्रदान करके उनके जीवन को बचाने की क्षमता प्रदान करता है।

  • स्थायी और अच्छा करियर विकल्प: EMT कोर्स पूरा करने के बाद, छात्रों को चिकित्सा क्षेत्र में स्थायी और अच्छा करियर विकल्प प्राप्त होता है।

  • समुदाय सेवा: EMT कोर्स समुदाय में सेवा करने का एक माध्यम भी है, जिससे छात्र समाज के साथ योगदान करते हैं।

  • विशेष ज्ञान और आत्मविश्वास: यह कोर्स छात्रों को आत्मविश्वास और संकल्प से भर देता है क्योंकि वे आपातकालीन स्थितियों में स्थिरता और प्रभावी चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए तैयार होते हैं।

EMT (Emergency Medical Technician) कोर्स का पाठ्यक्रम आमतौर पर विभिन्न विषयों को समाहित करता है, जो आपातकालीन सेवाओं में काम करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करता है, जैसे :- 

  • चिकित्सा गणित (Medical Mathematics): रसायन और गणित के आधार पर आपातकालीन स्थितियों में मरीजों की स्थिति का मूल्यांकन करना।

  • चिकित्सा विज्ञान (Medical Science): आपातकालीन स्थितियों के लिए चिकित्सा विज्ञान के मूल सिद्धांतों का अध्ययन।

  • जीवन संशोधन (Life Support): बुनियादी जीवन संचालन तकनीकों का अध्ययन, जैसे कि CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) और AED (Automated External Defibrillator) का उपयोग।

  • वाणिज्यिक और प्राथमिक संचेतना (Commercial and Primary Awareness): आपातकालीन सेवाओं के लिए कंपनी नीतियों, अत्याधुनिक साधनों, और संचेतना की प्राथमिकताओं का समझ।

  • अस्पताल की प्राथमिकताएँ (Hospital Priorities): आपातकालीन स्थितियों में अस्पताल की प्राथमिकताएँ, रोगी की स्थिति का मूल्यांकन, और इलाज के प्रक्रिया।

  • संचालन और संगठन (Management and Organization): आपातकालीन सेवाओं के लिए संचालन और संगठन के मूल सिद्धांतों का समझ।

  • आपातकालीन दवाएँ (Emergency Medications): आपातकालीन स्थितियों में उपयोग के लिए विभिन्न चिकित्सा दवाओं के परिचय।

  • आपातकालीन चिकित्सा वाहनों का उपयोग (Emergency Medical Vehicle Operation): आपातकालीन सेवाओं के लिए चिकित्सा वाहनों का उपयोग कैसे करें।

यह छात्रों को आपातकालीन स्थितियों में सटीकता और त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार करने के लिए जरूरी ज्ञान और कौशल प्रदान करता है।

EMT (Emergency Medical Technician) कोर्स के दौरान छात्रों को विभिन्न कौशल सिखाए जाते हैं जो आपातकालीन स्थितियों में चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए आवश्यक होते हैं, जैसे :-

 

  • चिकित्सा संचालन (Medical Management): आपातकालीन स्थितियों में चिकित्सा सहायता करते समय चिकित्सा संचालन कौशल का उपयोग करना, जैसे कि रोगी की स्थिति का मूल्यांकन करना और उपयुक्त चिकित्सा उपायों का चयन करना।
  1. चिकित्सा प्राथमिक सहायता (Basic Medical Assistance): आपातकालीन स्थितियों में प्राथमिक चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए आवश्यक कौशल, जैसे कि जीवन संचालन तकनीकों का उपयोग करना, विभिन्न प्रकार की घातकता को निपटाना, और अप्रिय घटनाओं में धीरे-धीरे निपटना।

  2. अनुसंधान और निपटने की क्षमता (Assessment and Handling Skills): आपातकालीन स्थितियों में घटित घातक घटनाओं का अनुसंधान करना और उनसे निपटने की क्षमता विकसित करना।

  3. टीम कार्य (Teamwork): आपातकालीन स्थितियों में सहयोगी टीम के साथ काम करने की क्षमता विकसित करना, जिससे कि स्थिति का बेहतर निपटन किया जा सके।

  4. संचालन और निगरानी (Management and Monitoring): मरीज की स्थिति का प्रतिनिधित्व करना, और चिकित्सा उपचार की प्रगति का निगरानी करना।

  5. आपातकालीन स्थितियों में गतिविधियों को नियंत्रित करना (Control of Activities in Emergencies): घटित घटनाओं के समय विभिन्न गतिविधियों को नियंत्रित करने की क्षमता।

EMT (Emergency Medical Technician) कोर्स करने के बाद, आपके पास कई करियर विकल्प हो सकते हैं, जैसे कि:

  • आपातकालीन सेवाओं में रोजगार: EMT कोर्स पूरा करने के बाद, आप आपातकालीन सेवाओं में EMT या पैरामेडिक के रूप में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि अस्पतालों, अम्बुलेंस कंपनियों, और आपातकालीन सेवा प्रदाताओं में।

  • प्राथमिक चिकित्सा संगठनों में काम: आप विभिन्न प्राथमिक चिकित्सा संगठनों में EMT के रूप में काम कर सकते हैं, जैसे कि फायर डिपार्टमेंट, आपातकालीन सेवा प्रदाता संगठन, और सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग।

  • शिक्षण: आप EMT कोर्स के पश्चात और अधिक उन्नत स्तर की प्रशिक्षण प्राप्त करके EMT प्रशिक्षण प्रोग्रामों या पैरामेडिक पाठ्यक्रमों के शिक्षक बन सकते हैं।

  • चिकित्सा परीक्षण और अनुसंधान: आप आपातकालीन स्थितियों में चिकित्सा परीक्षण और अनुसंधान में शामिल हो सकते हैं, जैसे कि अस्पतालों या चिकित्सा अनुसंधान संस्थानों में।

  • नॉन-प्रोफिट और सामुदायिक संगठनों में काम: आप सामुदायिक स्वास्थ्य संगठनों या नॉन-प्रोफिट संगठनों में EMT के रूप में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं, जो सामाजिक या आर्थिक विकल्पों की सेवा प्रदान करते हैं।

EMT (Emergency Medical Technician) कोर्स करने के कई लाभ और सामाजिक प्राथमिकताएं होती हैं, जैसे :- 

  • जीवन बचाने की क्षमता: EMT कोर्स करने से आपको आपातकालीन स्थितियों में व्यवस्थित चिकित्सा सहायता प्रदान करने की क्षमता प्राप्त होती है, जिससे आप जीवनों को बचाने के लिए योग्य होते हैं।

  • समुदाय सेवा: EMT कोर्स करने से आप समुदाय के सदस्यों की सेवा करने का मौका प्राप्त करते हैं, जो आपको आपके समुदाय के भले के लिए योग्य बनाता है।

  • जवाबदेही: EMT कोर्स के पूरा करने से आप आपातकालीन स्थितियों में जवाबदेही की भावना विकसित करते हैं, जैसे कि घातक घटनाओं में प्रभावी प्रतिक्रिया करना।

  • अपने कौशल का उपयोग करना: EMT कोर्स के पूरा करने से आप अपने चिकित्सा और रोगी को बचाने के कौशल का उपयोग करने की क्षमता प्राप्त करते हैं।

  • चिकित्सा क्षेत्र में करियर का मौका: EMT कोर्स के पूरा करने के बाद, आप चिकित्सा क्षेत्र में अपना करियर आरंभ करने के लिए तैयार होते हैं, जो आपके लिए एक स्थायी और बढ़िया करियर विकल्प हो सकता है।

  • संगठनात्मक कौशल: EMT कोर्स के दौरान, आप संगठनात्मक कौशलों को विकसित करते हैं, जैसे कि टीम में सहयोग करना, समुदाय के साथ संचरण बनाना, और दबाव में काम करना।

  • संघर्ष क्षमता: आप EMT कोर्स के माध्यम से संघर्ष क्षमता का विकास करते हैं, जो आपको आपातकालीन स्थितियों में स्थिरता और प्रभावी प्रतिक्रिया प्रदान करने के लिए सक्षम बनाता है।

Hispanic female paramedic (30s).  Male paramedic helping boy inside ambulance behind her.

Dresser

Dresser कोर्स एक प्रशिक्षण कार्यक्रम होता है जो व्यक्तियों को चिकित्सा सेवा में ड्रेसर के रूप में काम करने के लिए तैयार करता है। इस पाठ्यक्रम के दौरान, छात्रों को चिकित्सा संस्थानों या अस्पतालों में प्रयोग होने वाले चिकित्सा सामग्री की सही तरीके से तैयारी, प्रयोग, और संरचना की जानकारी प्रदान की जाती है।

महत्व:

  • चिकित्सा सेवा में सहायक: Dresser कोर्स के पूरा करने वाले व्यक्ति चिकित्सा संस्थानों में सहायक के रूप में काम करते हैं और चिकित्सा की देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

  • रोगी की देखभाल: Dresser के माध्यम से उन्हें रोगियों की देखभाल और सहायता करने के लिए तैयार किया जाता है, जिससे रोगी का उत्तम स्वास्थ्य और संचारित संभावना होती है।

  • स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में योगदान: Dresser कोर्स के पूरा करने वाले व्यक्ति चिकित्सा प्रणाली में अपने योगदान के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

  • आपातकालीन संदर्भ में सहायता: Dresser कोर्स के पूरा करने वाले व्यक्ति आपातकालीन संदर्भ में चिकित्सा सेवा की प्राथमिकता को समझते हैं और उसमें सहायक होते हैं।

  • चिकित्सा संस्थानों के लिए आवश्यकता: Dresser कोर्स के पूरा करने वाले व्यक्ति चिकित्सा संस्थानों में किए जाने वाले चिकित्सा कार्यों को सम्पन्न करने के लिए आवश्यक होते हैं। 

Dresser कोर्स का पाठ्यक्रम विभिन्न विषयों का अध्ययन कराता है जो छात्रों को चिकित्सा सेवा में काम करने के लिए तैयार करता है, जैसे :-

  • चिकित्सा उपकरणों का प्रयोग: छात्रों को चिकित्सा उपकरणों का प्रयोग कैसे करना है, जैसे कि स्थापना और हटाना, अनुप्रयोग, और ध्यान देने की तकनीकें सिखाई जाती हैं।

  • सफाई और स्वच्छता: ड्रेसर्स को सफाई और स्वच्छता की महत्वपूर्णता की जानकारी दी जाती है, जिसमें अस्पतालीय परिवेश की साफ-सफाई, उपकरणों की देखभाल, और स्वच्छता की शिक्षा शामिल होती है।

  • चिकित्सा भाषा: छात्रों को चिकित्सा शब्दावली की समझ कैसे करनी चाहिए, जिसमें दवाओं के नाम, रोगों के नाम, चिकित्सा प्रक्रियाओं के नाम और अन्य चिकित्सा संबंधित शब्द शामिल होते हैं।

  • चिकित्सा सामग्री का प्रबंधन: यहाँ पर छात्रों को चिकित्सा सामग्री का प्रबंधन, संग्रहण, और वितरण कैसे करना है, इसके तरीकों की जानकारी दी जाती है।

  • चिकित्सा सहायता: ड्रेसर्स को चिकित्सा प्रतिवेदन के लिए तैयार किया जाता है, जिसमें आपातकालीन स्थितियों में पहली मदद, अस्पताल में रोगियों की सहायता, और चिकित्सा परिदृश्यों में अस्तित्व का प्रबंधन शामिल होता है।

  • रोगी संवाद: छात्रों को रोगियों और उनके परिजनों के साथ संवाद कैसे करना है, और उनके समस्याओं को समझने और हल करने में मदद करने के लिए तैयार किया जाता है।

Dresser कोर्स को पूरा करने के बाद विभिन्न कैरियर विकल्प उपलब्ध होते हैं , जैसे :-

  • अस्पतालों और क्लिनिकों में नियोक्ता Dresser: अस्पतालों, क्लिनिकों, और चिकित्सा संस्थानों में Dresser के रूप में नियुक्ति प्राप्त की जा सकती है। वहाँ उन्हें चिकित्सा सेवा की अनेक कार्यों में सहायता करने का आदेश दिया जाता है।

  • घरेलू स्वास्थ्य सेवा: ड्रेसर्स को घरेलू स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत रोगियों की देखभाल के लिए भी नियोक्ता के रूप में नियुक्ति मिल सकती है।

  • सरकारी रोजगार: ड्रेसर्स को सरकारी चिकित्सा संस्थानों, जैसे कि नगर पालिका अस्पताल, और राज्य स्वास्थ्य विभागों में नौकरी प्राप्त करने का भी मौका मिल सकता है।

  • स्वतंत्र चिकित्सा सेवा प्रदान करना: कुछ ड्रेसर्स अपना अपना स्वतंत्र चिकित्सा सेवा केंद्र खोल सकते हैं और वहाँ चिकित्सा सेवा प्रदान कर सकते हैं।

  • व्यक्तिगत चिकित्सा सहायता के लिए काम: कुछ ड्रेसर्स अलग-अलग चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए व्यक्तिगत सहायता प्रदान करते हैं, जैसे कि फिजियोथेरापिस्ट, ऑप्टोमेट्रिस्ट, और अन्य।

  • अस्पतालों और क्लिनिकों में नियोक्ता Dresser: अस्पतालों, क्लिनिकों, और चिकित्सा संस्थानों में Dresser के रूप में नियुक्ति प्राप्त की जा सकती है। वहाँ उन्हें चिकित्सा सेवा की अनेक कार्यों में सहायता करने का आदेश दिया जाता है।

  • घरेलू स्वास्थ्य सेवा: ड्रेसर्स को घरेलू स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत रोगियों की देखभाल के लिए भी नियोक्ता के रूप में नियुक्ति मिल सकती है।

  • सरकारी रोजगार: ड्रेसर्स को सरकारी चिकित्सा संस्थानों, जैसे कि नगर पालिका अस्पताल, और राज्य स्वास्थ्य विभागों में नौकरी प्राप्त करने का भी मौका मिल सकता है।

  • स्वतंत्र चिकित्सा सेवा प्रदान करना: कुछ ड्रेसर्स अपना अपना स्वतंत्र चिकित्सा सेवा केंद्र खोल सकते हैं और वहाँ चिकित्सा सेवा प्रदान कर सकते हैं।

  • व्यक्तिगत चिकित्सा सहायता के लिए काम: कुछ ड्रेसर्स अलग-अलग चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए व्यक्तिगत सहायता प्रदान करते हैं, जैसे कि फिजियोथेरापिस्ट, ऑप्टोमेट्रिस्ट, और अन्य।

Dresser कोर्स के दौरान छात्रों को विभिन्न कौशलों का अध्ययन किया जाता है जो उन्हें चिकित्सा सेवा में सक्षम बनाता है :-

  • प्राथमिक चिकित्सा सहायता: छात्रों को प्राथमिक चिकित्सा सहायता का अध्ययन किया जाता है, जैसे कि घावों की सहायता, बॉयलर प्रबंधन, और चोटों के इलाज में मदद करना।

  • स्वच्छता और संक्षेपण: ड्रेसर कोर्स के दौरान, छात्रों को स्वच्छता और संक्षेपण की महत्वता का ज्ञान दिया जाता है ताकि वे स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुसार काम कर सकें।

  • बुनाई और परिमार्जन: छात्रों को बुनाई और परिमार्जन की तकनीकों का अध्ययन किया जाता है, जिससे वे बेडिंग, गाउन, और अन्य चिकित्सा सामग्री को सही ढंग से प्रयोग कर सकें।

  • सही तरीके से संपर्क करना: छात्रों को रोगियों और चिकित्सकों के साथ सही तरीके से संपर्क करने के लिए संबंधित कौशलों का प्रशिक्षण दिया जाता है।

  • अस्पताल की संरचना: छात्रों को अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों की संरचना की समझ और उनके विभिन्न विभागों में काम करने का अनुभव प्रदान किया जाता है।

  • चिकित्सा सामग्री का प्रबंधन: छात्रों को चिकित्सा सामग्री का प्रबंधन, रखरखाव, और अन्य निरीक्षण के लिए जानकारी दी जाती है।

  • चिकित्सा दस्तावेज़ीकरण: छात्रों को चिकित्सा रिकॉर्ड्स और दस्तावेजों का प्रबंधन कैसे करना है उसकी शिक्षा भी दी जाती है।

  • चिकित्सा शिविरों और परामर्श केंद्रों में सहायता: ड्रेसर्स समुदाय के लोगों के लिए नि:शुल्क चिकित्सा शिविरों और परामर्श केंद्रों में सहायता प्रदान कर सकते हैं। वे लोगों की स्वास्थ्य जांच कर सकते हैं, सामाजिक समस्याओं पर परामर्श प्रदान कर सकते हैं, और उन्हें आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं की जानकारी प्रदान कर सकते हैं।

  • सामुदायिक चिकित्सा शिविर आयोजन: ड्रेसर्स सामुदायिक स्तर पर चिकित्सा शिविर आयोजित कर सकते हैं जिसमें ब्लड प्रेशर चेक, आंतरिक दुर्घटना सहायता, और सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं का प्रदान किया जा सकता है।

  • आपातकालीन सेवा: ड्रेसर्स आपातकालीन स्थितियों में सहायता प्रदान कर सकते हैं, जैसे कि प्राकृतिक आपदाओं, दुर्घटनाओं, या आपातकालीन चिकित्सा परिस्थितियों में चिकित्सा सहायता और प्राथमिक उपचार प्रदान करके।

  • सामाजिक संगठनों और एनजीओ के साथ काम: ड्रेसर्स सामाजिक संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर सामुदायिक सेवा प्रोजेक्ट्स में भाग ले सकते हैं, जैसे कि स्वच्छता अभियान, ब्लड डोनेशन कैंप्स, और स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम।

  • गाँवों या गरीब इलाकों में स्वयं सेवा: ड्रेसर्स अपने समय और संसाधनों का उपयोग करके गाँवों या गरीब इलाकों में स्वयं सेवा कर सकते हैं, जिससे समुदाय के लोगों को चिकित्सा सहायता मिल सके।

इन तरीकों से, ड्रेसर्स समुदाय सेवा में योगदान कर सकते हैं और समाज में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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Home Health Aide

होम हेल्थ एड (Home Health Aide) एक प्रोफेशनल होता है जो ग्राहकों के घर में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। यह प्रमुख रूप से उन व्यक्तियों के लिए होता है जो बीमार हैं, बुजुर्ग हैं, या अन्य किसी कारणवश निर्धन हैं और उन्हें अस्पताल में नहीं रहना चाहिए।

होम हेल्थ एड की महत्वपूर्ण भूमिका होती है घरेलू रूप से स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने में। यह पेशेवर उन लोगों की मदद करता है जिन्हें अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन वे अपने घर में स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता रखते हैं।

होम हेल्थ एड रोगियों की देखभाल, दवाइयों का समय पर देना, स्वास्थ्य संबंधी सामग्री की सहायता, और रोजमर्रा की जरूरतों की देखरेख करते हैं। इसके अलावा, ये व्यक्तियों को अकेले नहीं महसूस करने देते हैं और उनके साथ सहयोग करते हैं, जिससे उनका जीवन आसान होता है।

सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था में वृद्धि के साथ-साथ, होम हेल्थ एड की महत्वपूर्ण भूमिका भी बढ़ रही है, क्योंकि यह रोगीयों को अस्पताल के ठीकाने में अत्यधिक भीड़ के माध्यम से बचाता है और उन्हें घर के आसपास सही सेवा प्राप्त होती है।

होम हेल्थ एड (Home Health Aide) कोर्स की योग्यता और पाठ्यक्रम में निम्नलिखित विषयों का अध्ययन किया जाता है:

  • चिकित्सा परिचर्षा: रोगियों की सेवा के लिए अपने जिम्मेदारियों को समझना और पूरा करना।

  • रोगों और उनके उपचार की जानकारी: विभिन्न रोगों के लक्षण, उनका पहचान, और सही उपचार की जानकारी प्राप्त करना।

  • स्वास्थ्य और हाथी-पाई: रोगियों की निगरानी करना, उनके विशेषाधिकारों का ध्यान रखना, और उन्हें सहारा देना।

  • सानिक परिपूर्ति: रोगियों के लिए दवाइयों की सही खुराक और समय पर प्रदान करना।

  • आरोग्य संरक्षण: रोगियों के लिए साफ सफाई, व्यक्तिगत स्वास्थ्य और हाइजीन की देखभाल करना।

  • आहार और पौष्टिकता: उन्हें सहायता प्रदान करना जो अपने खाने की तैयारी, निगरानी, और खाने के लिए सहायता चाहते हैं।

  • मानसिक स्वास्थ्य: रोगियों की भावनात्मक और मानसिक सहायता प्रदान करना, उन्हें मनोवैज्ञानिक समर्थन देना।

  • संबंधों की देखभाल: परिवार और समुदाय सदस्यों के साथ संबंधों की सहायता करना।

  • रिपोर्टिंग और रिकार्डिंग: रोगी की हालत के बारे में रिकार्ड्स बनाना, और चिकित्सा पेशेवरों को अपडेट करना।

  • अपार्टमेंट सहायता: चोटी चढ़ाव, डिवाइस उपयोग, और घर के आवासीयों की देखभाल करना।

  • प्राथमिक चिकित्सा योग्यता: प्राथमिक चिकित्सा देने की योग्यता को समझना और उपयोग करना।

इसके अलावा मेडिकल टर्म्स, कम्यूनिकेशन स्किल्स, और रोगियों के साथ सही तरीके से व्यवहार करने के लिए ट्रेनिंग भी शामिल होती है।

होम हेल्थ एड कोर्स करने के बाद, आपके पास कई करियर विकल्प हो सकते हैं , जैसे  :-

 

होम हेल्थ एड: आप खुद को होम हेल्थ एड के रूप में रोगियों की देखभाल करने के लिए सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। यह सामर्थ्य आपको घरेलू सेवा कंपनियों, निजी रूप से लोगों की सेवा प्रदान करने के लिए, या स्वतंत्र रूप से काम करने की संभावना प्रदान कर सकता है।

अस्पताल या क्लिनिक: आप एक अस्पताल या क्लिनिक में होम हेल्थ एड के रूप में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं, जहां आप रोगियों की देखभाल के लिए अस्पताल के निर्देशिका के अनुसार काम करेंगे।

नर्सिंग होम: आप नर्सिंग होम में भी होम हेल्थ एड के रूप में नौकरी कर सकते हैं, जहां आप बुजुर्ग लोगों की देखभाल के लिए सेवाएं प्रदान करेंगे।

कैर एजेंसियों: आप होम हेल्थ केयर एजेंसियों में भी नौकरी कर सकते हैं, जो घर में स्वास्थ्य सेवाओं की प्राथमिकता रखते हैं।

स्वतंत्र व्यवसाय: आप स्वतंत्र रूप से काम करके अपने खुद के होम हेल्थ केयर सेवा व्यवसाय की शुरुआत कर सकते हैं। इससे आपको स्वतंत्रता और अधिक नियंत्रण मिलता है।

शिक्षा: आप होम हेल्थ केयर कोर्सेज का शिक्षक बन सकते हैं और अन्य लोगों को इस क्षेत्र में प्रशिक्षित कर सकते हैं।

अन्य सेवा संगठन: आप गैर-लाभकारी संगठनों, सरकारी संगठनों, या गैर-सरकारी संगठनों में भी नौकरी कर सकते हैं, जो सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र में काम करते हैं।

होम हेल्थ एड कोर्स कई लोगों के लिए उपयुक्त हो सकता है, जैसे:- 

  • बुजुर्ग लोग: बूढ़े व्यक्ति जो घर में रहकर चिकित्सा सेवाओं की जरूरत होती है, उनके लिए होम हेल्थ एड कोर्स उपयुक्त होता है। यह उन्हें घरेलू वातावरण में सही स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

  • अस्वास्थ्य या दिव्यंग व्यक्ति: वे लोग जो अस्पताल में रहने के लिए नहीं हैं लेकिन उन्हें दैनिक जीवन में चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है, उनके लिए भी होम हेल्थ एड कोर्स उपयुक्त हो सकता है।

  • साइकोलॉजिकल समर्थबलता और सामुदायिक सेवा: यह कोर्स उन लोगों के लिए भी उपयुक्त हो सकता है जो सामुदायिक सेवाओं में रुचि रखते हैं और अपने समुदाय में सेवा प्रदान करना चाहते हैं।

  • करियर चाहने वाले: वे लोग जो स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, होम हेल्थ एड कोर्स उपयुक्त हो सकता है। यह उन्हें आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान कर सकता है जो इस क्षेत्र में सफलता की दिशा में मदद कर सकते हैं।

इसके अलावा, होम हेल्थ एड कोर्स उन लोगों के लिए भी उपयुक्त हो सकता है जो घरेलू स्वास्थ्य सेवा में रुचि रखते हैं और अपने परिवार या समुदाय के सदस्यों की देखभाल करना चाहते हैं।

होम हेल्थ एड कोर्स करने वाले व्यक्ति को निम्नलिखित सावधानियों का पालन करना चाहिए:

  1. देखभाल की दृष्टि: इस कोर्स को करने वाले व्यक्ति को रोगियों की देखभाल में बहुत ध्यान देना चाहिए। उन्हें रोगियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।

  2. कम्पलियां पहनना: होम हेल्थ एड काम करते समय, व्यक्ति को संक्रमण का खतरा हो सकता है, इसलिए उन्हें हमेशा कम्पलियां पहनना चाहिए।

  3. सफाई और अपशिष्ट निस्तारण: घर में साफ-सफाई और अपशिष्ट निस्तारण करने के लिए नियमित रूप से हस्त्यांतरण करना चाहिए, ताकि रोगी के आसपास की वातावरण को साफ और स्वच्छ रखा जा सके।

  4. स्वास्थ्य संरक्षण: स्वास्थ्य संरक्षण के लिए, होम हेल्थ एड कोर्स करने वाले व्यक्ति को स्वयं की स्वास्थ्य की देखभाल करना चाहिए, साथ ही स्वास्थ्य संबंधी विशेषज्ञों की सलाह और नियमित चेकअप का भी ध्यान रखना चाहिए।

  5. सही संचालन: होम हेल्थ एड कोर्स करने वाले व्यक्ति को रोगी की सेवा के दौरान संवेदनशीलता और संवेदनशीलता के साथ काम करना चाहिए।

  6. कार्यक्षमता: होम हेल्थ एड कोर्स करने वाले व्यक्ति को उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के प्रति संवेदनशीलता और कार्यक्षमता का पालन करना चाहिए।

  7. नौकरी संबंधित नियमों का पालन: किसी भी कार्य स्थान में काम करते समय, नौकरी संबंधित नियमों का पूरा पालन करना चाहिए।

इन सावधानियों का पालन करने से होम हेल्थ एड कोर्स करने वाले व्यक्ति अपने कार्य में सफलता प्राप्त कर सकते हैं और सामाजिक सेवा में अपना योगदान दे सकते हैं।

Young nurse covering disabled elderly man in wheelchair with warm plaid at retirement home. Millennial caregiver assisting handicapped senior patient, taking care of older male indoors

Agriculture Courses

Mushroom Grower

A mushroom (also called a toadstool) is the part of a fungus that is comparable to the fruit of a plant. Unlike plants, mushrooms do not use sunlight to generate energy for themselves.Mushrooms have been known to support bone health and to regulate blood sugar in diabetics. It is available in Different colours and Shapes.

‍Small-scale mushroom farming is the practice of growing mushrooms on a small plot of land, usually in a controlled indoor environment, also known as a grow room. Mushrooms are grown for various purposes, including personal consumption or as a small business venture.

It is a lucrative business venture with excellent growth potential. Short cultivation cycles of 20 to 45 days, low investment costs, high yield and market value, year-round scope for cultivation and income make growing mushrooms an attractive proposition.

Profitability in mushroom farming can vary depending on factors such as market demand, production volume, and cost management. On average, a well-managed mushroom farm can yield profits ranging from INR 40,000 to 80,000 per acre per crop cycle.

In around one square meter of mycelium, you can grow 30 kg of mushrooms. In short, a room with 560 m2 can grow about 17 tons of mushrooms.

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Organic Grower

Padma Shri–awardee Subhash Palekar is popularly known as ‘Krishika Rishi’ by many farming communities in India. He is an agricultural scientist who pioneered the concept of Natural Farming in the country.Let’s talk about organic farming. This is an agricultural system that utilizes green manure, compost, biological pest control and crop rotation to produce crops, livestock and poultry. It’s a system that cultivates resources to conserve biodiversity and support ecological balance. Some of the primary aspects of organic farming are to augment the soil’s biological activity, enhance the fertility of the soil, and use green manure, cover crops, animal manure, and soil rotation to disturb the habitation of pests and diseases. Synthetic chemical fertilizers, antibiotics, herbicides or pesticides aren’t used in organic farming. The goal within organic farming is to manage agricultural production in the best natural way. Organic farming contributes added protection to the soil which in turn is crucial for exceptional productivity.

  • Pure Organic Farming. As the name of this farming process suggests, it uses natural ways for cultivation. …
  • Integrated Organic Farming. …
  • Crop Rotation. …
  • Green Manure. …
  • Compost. …
  • Crop diversity. …
  • Soil Management. …
  • Controlling pests Biologically.

sikkim ,a small state in India, achieved the status of being the first and only fully organic state in India and the world in 2016. The state’s transition to organic farming was a result of a long-term plan that was initiated in 2003.

There is a tremendous scope for agriculture because food & food products are indispensable for the survival of humanity. It’s a recession proof industry because when every industry is downsizing the demand for food crops is on a rise underlining the need for agricultural productivity.

Most Profitable Organic Farming in India
Sl. No.Name of the CropExpected total returns (in ₹)
1Amaranthus2000
2Palak600
3Chillie2400
4Brinjal24000

An organic future could be a highly effective solution to feed the increasing world population and a way to achieve more robust food security. Sustainable organic food production methods are reported to produce nutritious foods, preserve biodiversity, and mitigate climate change.

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Pesticide & Fertilizer Applicator

A fertilizer is a plant nutrient that is added to the soil to promote growth. A pesticide is a substance that kills or controls pests, usually insects. Pesticides are most effective when used as a preventative measure, preventing the pest from ever reaching your plants.

Most insecticides work by inhibiting the transmission of messages between neurons in the insect. Eventually, the impacted bugs die from the neurons randomly firing, causing spasms. Herbicides, on the other hand, work by blocking different functions of the target plants such as cell division or photosynthesis.

Farming operations may also hire a personal custom applicator. Custom Applicators mix, load and apply pesticides and fertilizers to fields at approved applicable rates. They are responsible for the operation of spray equipment and the effective application of pesticides or fertilizer.

Applicators are responsible for using substances such as in the form of sealants, sprays, or adhesives as an application to solving an issue and bringing new value to end-users.
 

After completing this training program, you will be able to find work in relevant Government employment schemes (agriculture), agriculture farms, plantations, gardens (commercial), parks etc.

They help farmers grow more food on less land by protecting crops from pests, diseases and weeds as well as raising productivity per hectare. Production of major crops has more than tripled since 1960, thanks in large part to pesticides.

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Gardener

A person whose hobby or job is growing flowers in a garden is called a gardener. If you want homegrown flowers and veggies, get to know a gardener.

If you grow vegetables professionally, you’re called a farmer, but if you design, tend, or care for a flower garden, you’re a gardener. Planting anything on a small scale, in your own backyard, also makes you a gardener. The word gardener was a common last name starting in the 13th century, from the Old French jardineor, and the Old North French gardin, “kitchen garden or orchard.”

Gardener responsibilities include monitoring the health of all plants and greenscapes, watering and feeding plants, trimming trees and shrubs, fertilizing and mowing lawns, weeding gardens and keeping green spaces and walkways clear of debris and litter.

• It is the art of arranging land and landscape for human use, convenienceand enjoyment.
• It is concerned with the individual home and the whole community.
• The objectives of the landscape are to integrate functionally and. aesthetically, the people, building and site.
 
 
 

After completing this training program, you will be able to find work in relevant Government employment schemes (agriculture), agriculture farms, plantations, gardens (commercial), parks etc.

‘Gardener’ in the agriculture industry is a very important job role related to landscaping and gardening activity. A Gardener is responsible for taking care of maintenance and beautification of lawns & gardens for private houses, parks, and hotels in order to attract customers.

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Small Poultry Farmer

poultry, in animal husbandry, birds raised commercially or domestically for meat, eggs, and feathers. Chickens, ducks, turkeys, and geese are of primary commercial importance, while guinea fowl and squabs are chiefly of local interest.

Poultry farming, raising of birds domestically or commercially, primarily for meat and eggs but also for feathers. Chickensturkeysducks, and geese are of primary importance, while guinea fowl and squabs (young pigeons) are chiefly of local interest. This article treats the principles and practices of poultry farming. For a discussion of the food value and processing of poultry products, see egg and poultry processing.

 

In chicken farming, a farmer may opt for starting either a broiler farm or layer farm depending upon the requirement of meat and egg, respectively in the area. Further, within layer farming, one can go for egg production, production of replacement pullets, chick production and production of hatching eggs.

 

Poultry farming can be a good option for first-time business owners. It is a relatively low-cost business to start, and it has the potential to be profitable. However, it is important to do your research and plan carefully before you get started.

You can earn an average revenue of up to Rs 10-15 lakhs from the poultry farming business in India.

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Quality Seed Grower ?

Quality seed is defined as varietally pure with a high germination percentage, free from disease and disease organisms, and with a proper moisture content and weight. Quality seed insures good germination, rapid emergence, and vigorous growth.

Seed certification provides a number of benefits for farmers, gardeners, and the environment. By using accredited seeds, farmers and gardeners can be confident that they are planting seeds that will produce crops with the desired characteristics, and that will not be contaminated with unwanted plant material

 
Seeds are a key input for the production of the annual crops that provide the most of the world’s food requirement. They are both the means of establishing a new crop each season and they determine the genetic potential of the crop that is grown.
 
 

The future seed market of the country is expected to witness more adoption of hybrid seeds. The country is going to witness an increase in the cultivation of vegetables and fruits, driven by the growth and development of the food processing sector along with changing consumption habits of the people.

Seed industry grows with profits as long as you make the farmer the servant of MNCs. Don’t let farmer to sow heterzygously vigorous seeds. Go on produce new varieties of seeds to trap farmers. As much as you kill soil, farm animals and local crop varieties that much seed industry can grow!

soft wheat, seed wheat, bread wheat-8158264.jpg

Agri Warehouse Supervisor

Agricultural warehousing involves the storage of agricultural products such as food grains, cereals, oilseeds, sugar, pulses, spices, fruits, and vegetables. “Storage” means the phase of the post-harvest system during which the products are kept in such a way as to guarantee food security other than during periods of agricultural production.

An Agri Warehouse Supervisor is responsible for supervising and coordinating activities of workers engaged in receipt and dispatch of agri commodities in the warehouse.

 
Warehouses help in price stabilization of agricultural commodities by checking the tendency to making post-harvest sales among the farmers. Warehouses also offer the facility of market information to persons who hold their produce in them.
 
 

Warehouses help in price stabilization of agricultural commodities by checking the tendency to making post-harvest sales among the farmers. Warehouses also offer the facility of market information to persons who hold their produce in them.

Like any other work environment, the warehouse can be a source of great stress to workers and managers alike. But there are ways to take the stress out of warehouse management and avoid a lot of the problems that seem to be inherent in managing a warehouse.

Warehouse-Supervisor-1

Beekeeper

So, apiculture or beekeeping is the care and management of honey bees for the production of honey and wax. In this method, bees are bred commercially in apiaries, an area where a lot of beehives can be placed. Beekeepers are also called honey farmers, apiarists, or less commonly, apiculturists (both from the Latin apis, bee; cf. apiary). The term beekeeper refers to a person who keeps honey bees in beehives, boxes, or other receptacles.

The certification may be required to the beekeeper to seek any financial help from any bank, non-governmental or governmental agencies, etc. Objectives: The main objectives of the programme are to: impart education about modern beekeeping.

 

Advantages of beekeeping as an income generation activity ; Beekeeping has positive ecological consequences. Bees play an important role in the pollination of many flowering plants, thus increasing the yield of certain crops such as sunflower and various fruits. Honey is a delicious and highly nutritious food.

 

The Indian apiculture market attained a value of almost INR 18,836.2 million in the year 2020. The industry is further expected to grow at a CAGR of 12.4% over the forecast period of 2021–2026 to reach a value of INR 37,235.9 million by 2026

How to Get Started Keeping Bees
  1. Step 1 – Learn About Honeybees & the Hive. …
  2. Step 2 – Make Sure You’re Not Allergic to Honeybees. …
  3. Step 3 – Try It Out! …
  4. Step 4 – Find a Location. …
  5. Step 5 – Beekeeping Equipment. …
  6. Step 6 – The Role of the Beekeeper. …
  7. Step 7 – Order Your Bees. …
  8. Step 8 – Order Your Equipment.
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Vermicompost Producer

Vermicomposting is a natural process whereby earthworms convert waste material with rigid structures into compost. The compost produced in this green process is traditionally and popularly used as a natural fertilizer for enhancing plant growth. Earthworms belong to the phylum Annelida, subclass Oligochaeta.
 

Vermicompost can be used in organic farming and small scale sustainable farming. Vermicompost has several excellent properties and has many advantages when applied to the soil. Vermicompost is an excellent nutrient-rich organic fertilizer, which helps plants to grow well and give better yields.

 

Vermicompost (vermi-compost) is the product of the decomposition process using various species of worms, usually red wigglers, white worms, and other earthworms, to create a mixture of decomposing vegetable or food waste, bedding materials, and vermicast.

 

Profits from a vermicompost manufacturing company could be in the form of: Annual profit from worm farming: Rs 800,000. Production of vermicompost generates an annual profit of Rs 400,000.

Vermicomposting is a low-cost and environment-friendly mechanism for waste management as well as bio-fertilizer production. Vermicomposting offers various benefits compared with traditional thermophilic composting. Vermicomposting progresses due to the earthworm and the microbes associated with the gut and soil.

close up picture of the sapling of the plant is growing